बच्चों को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं

बच्चों को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं

Table of Contents

बच्चों को Good Manners और Discipline सिखाने के टिप्स

बच्चों को पालना और अच्‍छी आदतें सिखाना, पेरेंट्स की ही जिम्मेदारी है। वो क्या करते हैं, कैसे बोलते हैं और दूसरों के साथ किस तरह पेश आते हैं, ये सब पेरेंट्स को ही अपने बच्चे को सिखाना पड़ता है।  बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से आदतें सिखानी होती है यदि आपका बच्चा छोटा है तो इसका यह मतलब नहीं है कि अभी अच्छी बातें या शिष्टाचार सिखाने की उसकी उम्र नहीं है।                              

छोटी आयु में बच्चे नई-नई चीजें बहुत जल्दी सीख जाते हैंऔर वे बड़ी आयु की तुलना में बचपन में चीजों को बहुत तेजी से सीखते हैं। अच्छी आदतें सीखाना थोड़ा कठिन हो सकता है पर ध्यान रखें इस दौरान आपके लिए धैर्य रखना जरूरी है इसलिए माता-पिता या बड़े होने के नाते यह जरूरी है कि बच्चों के सामने अच्छा व्यवहार करें ताकि वे भी आपको देखकर अच्छी आदतें सीखें। 

दो से तीन साल के बच्चे  को आपको थोड़ा प्यार से काम लेना होगा। इस उम्र के बच्चे अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलते-कूदते हैं और दोस्त बनाते हैं इसलिए अब बच्चों को अपने खिलौने शेयर करना सिखाएं। बच्चों को बताएं कि  उन्हें झूठ बोलने की आदत से दूर रहना है। दोस्त के घर से बाहर आने पर बच्चे को गुड बाय और थैंक्यू बोलना, अच्छी आदतें सिखाएं।

पेरेंट्स को बच्चों को Good Manners और Discipline  सिखाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. इस आर्टिकल में में इन्ही कुछ खास बातों को शेयर किया गया है. आशा है की इस आर्टिकल से आपको अपने बच्चों को सिखाने में help मिलेगी। 

पढ़िए : एक नज़र में आज के मुख्य समाचार | Today’s Headlines At A Glance |

आप खुद भी Good Manners और Discipline फॉलो करें  

अगर बच्चे को Disciplined और Well-Mannered बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए पहल खुद से शुरू करनी चाहिए। आप खुद ही मैनर्स तोड़ेंगे या नहीं मानेंगे तो बच्चा भी वही करेगा। मान लीजिए कि आप खुद सोकर लेट उठते हैं और बच्चे से जल्दी उठने के लिए कहते हैं, तो वे कभी भी आपकी बात नहीं मानेगा। इसलिए आप खुद भी डिसिप्लिन फॉलो करें.

उचित व्यवहार

बच्चे के ऐसे संस्कार और शिक्षा दे जो उन्हें बड़ों का आदर करना सिखाएं। आप अपने बच्चे के सामने अपने बुजुर्गों से आदर-सम्मान से बात करें और छोटों से प्यार से बात करें। इसके अलावा शेयरिंग(sharing) जैसी अच्छी आदतें भी सिखाए।

respect of elders

बच्चे की हर मांग को पूरी न करें

बच्चों का मन बहुत चंचल होता है. उन्हें अपने पसंद की हर चीज चाहिए होती है। लेकिन, ये जरूरी नहीं ​है कि आप उनकी हर डिमांड को पूरी करें। आप उनकी जो डिमांड पूरी नहीं कर रहे हैं, उसकी वजह भी उन्हें बताएं, इससे उनमें समझ बढ़ेगी। कई बार पेरेंट्स बच्चों को रोता हुआ देख उनकी हर डिमांड तुरंत मान लेते हैं, हो सकता है कि बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए इसे आपकी कमजोरी बना लें।

how to tackle children demand

यह भी पढ़िए :

बच्चों के मन में टीचर का डर

जीवन में नैतिक मूल्य का महत्व Importance of Moral Values

सार्वजनिक स्थानों को गंदा न करें

अपने बच्चों को सभ्य और ज़िम्मेदार नागरिक बनना सिखाएं। उन्हें बताएं कि सार्वजनिक स्थान कूड़ा फेंकने के लिए नहीं हैं और कचरे को निकटतम कूड़ेदान में फेंकना चाहिए। उन्हें इस आसान आदत को विकसित करने में मदद करें.

उन्हें हर जगह इसका पालन करने के लिए कहें, हमेशा जब घर के बाहर हों तो चीजों को फेंकने के लिए डस्टबिन का उपयोग करने की अच्छी आदतें सिखाये। घर से बाहर कदम रखने से पहले आप अपने साथ एक छोटा सा प्लास्टिक बैग लें और उसमें अपना सारा कचरा इकट्ठा करें. इस तरह से बच्चों को अच्छी आदतें सिखाने में अपनी भूमिका निभाए ।

खाली पानी की बोतलें, पेपर नैपकिन आदि। रेस्तरां में गंदगी मेज पर छोड़ने या सड़क के किनारे पर फेंकने या कार की खिड़की से बाहर फेंकने के बजाय इसे घर ले आएं और कूड़ेदान में फेंके।

Use of Dustbin

आत्मनिर्भर बनाएं

बच्चे को आत्मनिर्भर बनाएं ताकि वह दूसरों के भरोसे ही न बैठा रह जाएं और जिंदगी में सफल न हो पाएं। बच्चे का सारा  दिन पढ़ाई ही न करवाते रहे बल्कि उसका ध्यान घर से बाहर खेल-दूर में भी लगाएं। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह खुद पर निर्भर होना सिखेंगा। 

how to make children self dependent

ईमानदार रहें

ईमानदारी एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण है और बचपन से ही बच्चों को इसकी आदत डालनी चाहिए। माता–पिता होने के नाते, आप अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं। आपके कार्यों और शब्दों का उन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, चाहें वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। हर समय ईमानदार रहें, विशेष रूप से बच्चों की उपस्थिति में। उन्हें हर परिस्थिति में सच बोलने  जैसी अच्छी आदतें के लिए प्रेरित करें।

honesty is the best policy

बच्चों को ‘प्लीज’ और ‘थैंक यू’ कहना सिखाएं 

यह एक आम शिष्टाचार है जो बच्चों को सबसे पहले सिखाना चाहिए। बच्चों को उनके बचपन से ही ‘प्लीज’ और ‘थैंक यू’ कहने का महत्व बताएं। उन्हें बताएं कि जब हम किसी से कुछ पूछते या विनती करते हैं, उस वक्त प्लीज कहना चाहिए और किसी की मदद लेने पर या कोई भी चीज लेते समय थैंक यू कहना चाहिए। इससे बच्चों में यह अच्छी आदतें बन जाएगी। 

Use of please and thankyou

कुछ भी लेने से पहले बच्चों को पूछना सिखाएं

बच्चों को अच्छी आदतें सिखाएं कि वे हमेशा किसी की कोई भी चीज लेने से पहले उनसे पूछ लें क्योंकि वह किसी और की चीज है। चाहे वह चीज उसके दोस्त, रिश्तेदार या माता-पिता का ही क्यों न हो, लेने से पहले पूछना जरूरी है। अपने बच्चे को यह भी सिखाएं कि उसने जो चीज ली है, उसे ‘थैंक यू’ कहते हुए वापस करे। 

जीवन में नैतिक मूल्य का महत्व Importance of Moral Values

permission

अंदर जाने से पहले बच्चों को दरवाजा खटखटाना सिखाएं 

बच्चों को विशेषकर घर में प्राइवेसी के मायने सीखना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि किसी के कमरे में जाने से पहले सम्मान से दरवाजा खटखटाकर अंदर आने के लिए पूछना जरूरी है। यदि आपका बच्चा यह सब चीजें आपके सामने करेगा तो उसे  जैसी अच्छी आदतें बनाने में मदद मिल सकती है।

knocking door

खांसते या छींकते समय बच्चों को मुंह ढकना सिखाएं 

बच्चों को सिखाएं कि उन्हें जब भी खांसी या छींक आती है तो उन्हें अपना मुंह ढकना चाहिए और Excuse me या sorry  भी  कहना चाहिए। यह भी अच्छी आदतें है कि उन्हें बात करने से पहले ‘एक्सक्यूज मी’ बोलना आना चाहिए।

यह भी पढ़िए :

एक नज़र में आज के मुख्य समाचार | Today’s Headlines At A Glance |

बच्चों को मोबाइल / टीवी दिखाए बिना खाना कैसे खिलाये?

2-5 साल के बच्चें को Smartly Handle कैसे करें

हाथ धुलना 

 छोटे बच्चों को भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना सिखाया जाने वाला सबसे आम शिष्टाचार व अच्छी आदतें है। उन्हें बताएं कि हाथ धोने से आम बीमारियां जैसे फ्लू, सर्दी और अन्य संक्रमण से बचा जा सकता है। आपको उन्हें निम्नलिखित अच्छी आदतें / बुनियादी नियम सिखाने चाहिए:

  • भोजन से पहले या बाद में  वह अपने हाथ धोएं
  • हाथों को सुखाने के लिए साफ सूखे तौलिये या टिशु का उपयोग करें
  • जीवाणुरोधी हैंड वॉश का उपयोग करें
training of handwash to kid by parents

नाखूनों को छोटा रखना

बच्चे अक्सर अपनी उंगलियों को अपने मुंह में डालते हैं, इसलिए नाखूनों को साफ और गंदगी से मुक्त रखना जरूरी है। जैसे–जैसे बच्चे बढ़ते हैं, आप उन्हें अपने नाखूनों को छोटा और साफ रखने की जरूरत के बारे में बता सकते हैं। उन्हें समझाएं कि गंदे नाखूनों के कारण खुजाने से मुंह के ज़रिए शरीर में कीटाणु प्रवेश कर सकते हैं और वह उन्हें बीमार कर सकते हैं।

जैसे ही आपका बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है, आपको अच्छे स्वास्थ्य और अच्छी आदतें के मूल्य के बारे में उन्हें बताना शुरू करना होगा।

nail cutting is must for child.

समय पर सोना

शिशु के साथ–साथ बढ़ते हुए बच्चे के लिए नींद बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने बच्चों में बचपन से ही “जल्दी सोने और जल्दी उठने” की आदत डालनी चाहिए। स्कूल जाने वाले बच्चों को हर दिन सक्रिय और ऊर्जावान रहने की आवश्यकता होती है.

जिसके लिए उन्हें पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। नींद शरीर को दिन के दौरान खोई हुई सभी ऊर्जा को पुनःप्राप्त करने में मदद करती है। जल्दी सोने से आपके बच्चों को पर्याप्त आराम मिलेगा, जिससे बच्चे अगले दिन तरोताज़ा और स्फूर्तिमान महसूस करेंगे

  • अपने बच्चों को जल्दी सोने के लिए कहें और उनके साथ आप भी सो जाएं। आपके पास होने से आपके बच्चे सुरक्षित महसूस करेंगे और एक अच्छी नींद आएगी।
  • एक ही समय पर रोजाना सोएं; इससे बच्चों के लिए पैटर्न सेट करने में मदद मिलेगी, और वे अपने आप सोना सीखेंगे।
  • लंबे समय तक अपने बच्चों को आवश्यक समय से अधिक सोने न दें। जरूरत पड़ने पर दोपहर के समय बच्चे थोड़ी झपकी ले सकते है. 
early to bed is good habit.

एक स्वस्थ और सकारात्मक मानसिकता होना

बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं और छोटी–छोटी चीजों से आसानी से हतोत्साहित हो जाते हैं या जब उनके मन का नहीं होता। बहुत जरूरी है कि आप शामिल हों और उनसे बात करें ताकि आप इस बात से अवगत हों कि आपके बच्चे क्या कर रहे हैं और क्या सोचते हैं।

झूठी प्रशंसा करने से बचें; इसके बजाय, सही समय पर उनकी उपलब्धियों और प्रयासों को सराहें। आप बच्चों को उनकी क्षमताओं और अद्वितीय गुणों के बारे में उन्हें आश्वस्त करके उनके आत्म–सम्मान को विकसित करने में मदद कर सकते हैं. उन्हें इस बात का दिलासा दें कि कुछ भी हो उन्हें हमेशा प्यार किया जाएगा।

उनकी सोच को इस प्रकार विकसित करने की कोशिश करें जिससे वह तार्किक और व्यावहारिक बनें, ताकि वह एक सकारात्मक तरीक़े से दिमाग लगा सकें और जीवन भर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के अनुसार सोच सकें।

बच्चों को लोगों की तरफ उंगली से इशारा करना या घूरना न सिखाएं 

बच्चों को लोगों की भावनाओं को समझाने के लिए आप उदाहरण के तौर पर यह कह सकते हैं कि जब हम किसी की तरफ एक उंगली करते हैं तो बाकी तीनों उंगलियां हमारी तरफ ही होती हैं।

बच्चे से पूछें कि उसे कैसा लगेगा यदि कोई इस प्रकार से उसकी तरफ उंगली करके इशारा करेगा या उसे घूरेगा। इससे बच्चे को अच्छी आदतें समझ में आ सकती है कि किसी को घूरना या उसकी तरफ उंगली दिखाना गलत बात होती है। 

यह भी पढ़िए :

माता-पिता के जानने योग्य जरूरी बातें

बच्चों को अपना काम खुद करना सिखाएं 

बच्चे खाते समय गंदगी कर सकते हैं या अपने कपड़ों को इधर-उधर डाल सकते हैं या उपयोग के बाद अपने टॉयज को ठीक से नहीं रखते हैं। बच्चे में साफ-सफाई रखने की आदत डालने के लिए उसे खाने के बाद सिंक पर अपनी प्लेट धोना सिखाएं. उससे कहें कि वह घर के काम करने में मदद करे। बच्चा समय रहते अच्छी आदतें / अपने आप ही साफ सफाई रखना सीख जाएगा। 

बच्चों के सामने गलत भाषा का उपयोग न करें 

गलत भाषा बहुत ज्यादा अपमानजनक और असभ्य होती है। आप अपने बच्चे को सिखाएं कि उसे किसी से भी गलत भाषा में बात नहीं करनी चाहिए। फिर चाहे उसने यह सब टीवी पर किसी शो में सुना हो या कहीं और। इन अच्छी आदतें को सीखना बहुत जरूरी है। आप चाहें तो अपने बच्चे के साथ आराम से बैठें और उसे समझाएं कि ऐसी भाषा का उपयोग करना क्यों गलत होता है। 

दिन में दो बार ब्रश करना   

मुंह की स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है और बचपन से ही अच्छी देखभाल करने की आवश्यकता होती है। बचपन से पली अच्छी आदतें लंबे समय तक बनी रहेंगी। अक्सर बच्चे अपने दांतों को ब्रश करने में आलस करते हैं, लेकिन इस नियमित कार्य को मामूली नहीं मानना चाहिए। इनाम के रूप में, आप कभी–कभी उनकी पसंदीदा मिठाइयों खिला सकते हैं। उन्हें ब्रश करने के सही तरीकों के बारे में शिक्षित करें:

  • दिन में दो बार ब्रश करना
  • भोजन के बाद कुल्ला करना – यह बदबुदार सांस और दांत में कीड़े लगने से बचाने में मदद करता है
  • समय–समय पर दांतों को फ्लॉस करना
  • टंग क्लीनर का उपयोग करके जीभ को साफ करना
  • अपने टूथब्रश को दूसरों को इस्तेमाल न करने देना
brushing teeth

इस आर्टिकल में दिए गए टिप्स से अवश्य ही आप को अपने बच्चों को अच्छी आदतें सिखाने में सहायता मिलेगी। comment section में अपने सुझाव व feedback अवश्य दें.


Online Personal Guidance Program को जानने के लिए क्लिक करे 

अपने बच्चे के लिए online personal guidance program को Join करने के लिए Click On WhatsApp Link Type “Join OPGP” & send it.


इसे भी पढ़िए :

Online Personal Guidance Program For Pre-Primary Education (2-5 Years)

माता-पिता के जानने योग्य जरूरी बातें

बच्चों को मोबाइल / टीवी दिखाए बिना खाना कैसे खिलाये?

2-5 साल के बच्चें को Smartly Handle कैसे करें

बच्चों के मन में टीचर का डर

जीवन में नैतिक मूल्य का महत्व Importance of Moral Values

आध्यात्मिक कहानियाँ (Spiritual Stories)

प्रेरणादायक कहानी (Insipirational Stories)

यह भी कट जाएगा : प्रेरणादायक कहानी

ईश्वर है या नहीं ? भक्त और भगवान का अटूट रिश्ता

Purchase Best & Affordable Discounted Toys From Amazon

Discounted Kitchen & Home Appliances on Amazon

प्रेरणादायक कहानी

Mrs. Shakuntla

MrsShakuntla M.A.(English) B.Ed, Diploma in Fabric Painting, Hotel Management. संस्था Art of Living के सत्संग कार्यकर्मो में भजन गाती हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में 20 वर्ष के तजुर्बे व् ज्ञान से माता पिता, बच्चों की समस्यायों को हल करने में समाज को अपना योगदान दे संकू इसलिए यह वेबसाइट बनाई है।

5 thoughts on “बच्चों को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published.