श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश उत्सव, 7 सितम्बर 2021 : इतिहास व् महत्व

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश उत्सव, 7 सितम्बर 2021 : इतिहास व् महत्व

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश आज ही के दिन सन् 1604 ई: में श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) श्री अमृतसर साहिब में किया गया था. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश उत्सव पंजाबी कैलेंडर के छठे महीने भादों के 15वें दिन (अमावस्या) को होता है, जो पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार आज 7 सितंबर 2021 को मनाया जा रहा है। आइए विस्तार से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश उत्सव के बारे में जानते हैं।

पहले प्रकाश उत्सव का इतिहास

हर धर्म की अपनी एक पवित्र किताब है जैसे हिन्दुओं में गीता, मुसलमानों में कुरान, ईसाइयों में बाइबिल और सिक्खो में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी ।आज का दिन सिक्ख समुदाय के लोगों के लिए बेहद खास है क्योंकि आज ही के दिन सन् 1604 ई: में श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) श्री अमृतसर साहिब में सिक्खो की पवित्र किताब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की स्थापना की गई थी अर्थात प्रकाश किया गया था।

श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) के पहले ग्रंथी बाबा बुड्ढा जी द्वारा महान ग्रंथ के उपदेशों को पढ़ा गया। 
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) में

धूम-धाम से हुआ था पहला प्रकाश

सन् 1604 में आज ही के दिन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) में हुआ। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार संगतों ने कीर्तन दीवान सजाए और श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) के पहले ग्रंथी बाबा बुड्ढा जी द्वारा महान ग्रंथ के उपदेशों को पढ़ा गया। 

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का महत्व

सिक्ख समुदाय के दसवें और आखिरी गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के अनुसार, ‘आज्ञा पई अकाल दी, तबे चलायो पंथ, सब सिखन को हुक्म है गुरु मानयो ग्रंथ।’ इसका मतलब है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब हमारे गुरु हैं और इसके अलावा सिक्ख समुदाय के लोगों को किसी भी अन्य मानवीय गुरु के आगे सिर झुकाने की अनुमति नहीं है।

संपादन

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया
5th Guru Shri Guru Arjun Dev Ji

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। पहला प्रकाश आज ही के दिन सन् 1604 ई: में श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) श्री अमृतसर साहिब में किया गया. सन् 1705 ई: में दमदमा साहिब में दसवें गुरु दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी  जी ने  नौवें गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया, इनमे कुल 1430 पृष्ठ है।

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सम्मिलित बाणी

श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी में मात्र सिक्ख गुरुओं के ही उपदेश नहीं है, वरन् 30 अन्य सन्तो और अलंग धर्म के भक्तों की बाणी भी सम्मिलित है। इसमे जहां जयदेवजी और परमानंदजी जैसे ब्राह्मण भक्तों की वाणी है, वहीं जाति-पांति के आत्महंता भेदभाव से ग्रस्त तत्कालीन हिंदु समाज में हेय समझे जाने वाली जातियों के प्रतिनिधि दिव्य आत्माओं जैसे कबीररविदासनामदेव, सैण जी, सघना जी, छीवाजी, धन्ना की बाणी भी सम्मिलित है।

पांचों वक्त नमाज पढ़ने में विश्वास रखने वाले शेख फरीद के श्लोक भी श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी में दर्ज हैं। अपनी भाषायी अभिव्यक्ति, दार्शनिकता, संदेश की दृष्टि से अद्वितीय हैं। इनकी भाषा की सरलता, सुबोधता, सटीकता जहां जनमानस को आकर्षित करती है। वहीं संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है।

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श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी में लोगों की हर समस्या का समाधान मौजूद है। इसमे 12 वीं सदी से लेकर 17 वीं सदी तक भारत के हर कोने में रची गईं ईश्वरीय बानी लिखी गई हैं।  इनकी भाषा को ‘सन्त भाषा’ भी कहते हैं क्योंकि इसमें बुहत सी भाषाओं, बलियों और उपबोलियों का मिश्रण है जैसे  पंजाबी, ब्रजभाषा, खड़ी बोली, संस्कृत और फारसी आदि। 

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश उत्सव, 7 सितम्बर 2021
Dhan Dhan Shri Guru Granth Sahib Ji

आर्टिकल का उदेश्य

इस आर्टिकल में आसान हिंदी भाषा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश उत्सव बारे में जानकारी देने की कोशिश की गयी है। ताकि भारत के कोने कोने में बसे लोगो को सिख धर्म की महान विरासत के बारे में जानकारी मिल सके। आशा है कि आप अपने बच्चो के साथ ये जानकरी जरूर सांझी करोंगे। कमेंट बॉक्स में आपके सुझावों का इंतजार रहेगा। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को व्हाट्सप्प, फेसबुक आदि सोशल मीडिया माध्यमों से जरूर साँझा करें।

  1. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश कब और कहाँ किया गया ?

    सन् 1604 ई: में श्री हरिमंदिर साहिब (Golden Temple) श्री अमृतसर साहिब में किया गया था.

  2. श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन किस गुरु जी ने आरम्भ किया था?

    पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने.

  3. श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के बारे में क्या हुकम दिया?

    ‘आज्ञा पई अकाल दी, तबे चलायो पंथ, सब सिखन को हुक्म है गुरु मानयो ग्रंथ।’ इसका मतलब है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब हमारे गुरु हैं और इसके अलावा सिक्ख समुदाय के लोगों को किसी भी अन्य मानवीय गुरु के आगे सिर झुकाने की अनुमति नहीं है।

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Mrs. Shakuntla

MrsShakuntla M.A.(English) B.Ed, Diploma in Fabric Painting, Hotel Management. संस्था Art of Living के सत्संग कार्यकर्मो में भजन गाती हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में 20 वर्ष के तजुर्बे व् ज्ञान से माता पिता, बच्चों की समस्यायों को हल करने में समाज को अपना योगदान दे संकू इसलिए यह वेबसाइट बनाई है।

11 thoughts on “श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश उत्सव, 7 सितम्बर 2021 : इतिहास व् महत्व

      1. ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਬਹੁਤ ਹੀ ਵਧੀਆ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ

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