आध्यात्मिकता (Spirituality)

आध्यात्मिकता (Spirituality) वह है जो प्रेम, करुणा और उत्साह जैसे मानवीय मूल्यों को बढ़ाती है। यह किसी एक धर्म या संस्कृति तक सीमित नहीं है। इसलिए यह सभी लोगों के लिए खुला है। विज्ञान और अध्यात्म परस्पर जुड़े हुए हैं, दोनों ही जानने की इच्छा से उत्पन्न होते हैं। प्रश्न, “मैं कौन हूँ?” आध्यात्मिकता की ओर जाता है; प्रश्न, “यह क्या है?” विज्ञान की ओर ले जाता है।

महाशिवरात्रि 2022 | MahaShivratri | महाशिवरात्रि कब है? क्या है महाशिवरात्रि का इतिहास, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त | कैसे करें शिव की पूजा, महत्वपूर्ण तथ्य, व्रत नियम | ऐसे मिलेगी भोलेनाथ की कृपा

February 26, 2022

महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष को मनाई जाती है, जिससे हर साल अलग-अलग तिथियां आती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, मंगलवार को है. महाशिवरात्रि पर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है.

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प्रचलित प्राचीन 14 प्रमुख परम्पराएं व उनका वैज्ञानिक आधार और उनसे जुड़े लाभ | Old Traditions & Its Scientific Logic

February 23, 2022

प्रचलित प्राचीन 14 प्रमुख परम्पराएं व उनका वैज्ञानिक आधार और उनसे जुड़े लाभ : पुराने समय से बहुत सी परंपराएं प्रचलित हैं, जिनका पालन आज भी काफी लोग कर रहे हैं। ये परंपराएं धर्म से जुड़ी दिखाई देती हैं, लेकिन इनके वैज्ञानिक कारण भी हैं। जो लोग इन परंपराओं को अपने जीवन में उतारते हैं, वे स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों से बचे रहते हैं। 

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जाने 2022 मे आपकी राशि के अनुसार खुशी का मंत्र 

February 16, 2022

 राशियां आपको आपकी सकारात्मक और नकारात्मक प्रवृत्तियों को प्रकट करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी ताकत खोजने में मदद कर सकती  है। आओ देखते है कि 2022 मे आपका खुशी मंत्र आपकी राशि के अनुसार कैसा दिखेगा।

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गुरु रविदास जयंती 2022  | Guru Ravidas Jayanti | भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत गुरु रविदास, इतिहास व महत्व , कब और कैसे मनाई जाती है रविदास जयंती, संत रविदास पर निबंध 

February 15, 2022

गुरु रविदास उन लोगों में से एक थे जिन्होंने तर्क दिया कि सभी के पास समान मानवाधिकारों होने चाहिए। संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त भेदभाव से उठकर कार्य करने का प्रयत्न किया। उन्होंने मध्यकाल में ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी। वह कहते थे कि कोई व्यक्ति जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं होता बल्कि वह अपने कर्मों से पूज्यनीय बनता है। उन्होंने अपने दोहे और कविताओं के माध्यम से समाज में समानता के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास किया. 

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Navratri Guided Meditations by Gurudev Sri Sri Ravishankar

Navratri 9 Guided Meditation by Gurudev Sri Sri Ravishankar

October 8, 2021

Guided Meditation by Gurudev Sri Sri Ravishankar : ध्यान क्या है : ध्यान एक ही समय में गहरा आराम करने और सतर्क और सचेत रहने का तरीका है! यह मन को शांत करने और अपने आंतरिक आनंद के संपर्क में आने का कौशल है। नवरात्रि – नवीनता की नौ रातें नवरात्रि की नौ रातें फिर […]

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