Dussehra 2022 : दशहरा क्यों और कैसे मनाते है ? 5 October 2022

Dussehra 2022 : दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है.

Dussehra 2022 | दशहरा 2022

Dussehra 2022 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा का त्योहार दशमी तिथि या अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष के 10वें दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के महीनों में आता है। दशहरा का त्योहार दिवाली से ठीक 20 दिन पहले आता है।

इस वर्ष दशहरा 5 अक्टूबर 2022, बुधवार  के दिन मनाया जाएगा.

Dussehra 2022 : दशहरा क्यों मनाया जाता है? 

राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे. उनकी पत्नी का नाम सीता था. राजा दशरथ राम के पिता थे. रानी कैकई के कारण राम को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा. इस वनवास में उनकी पत्नी सीता व् छोटे भाई लक्ष्मण भी उनके साथ गए. उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया.

Dussehra 2022

रावण चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था, जिसकी सोने की लंका थी,  लेकिन उसमे अपार अहंकार था. वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था. वास्तव में रावण के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी, इसलिए रावण में एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का रावण में अहंकार था. जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था.

Dussehra 2022

राम ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध किया, जिसमे वानर सेना एवम हनुमान जी ने राम का साथ दिया. इस युद्ध में रावण के छोटे भाई विभीषण ने भी भगवान राम का साथ दिया और अन्त में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया.

इस विजय के कारण  प्रति वर्ष दशहरा (विजयादशमी)मनाया जाता है.

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दशहरा कैसे मनाया जाता है? 

देश के अलग अलग भागों में दशहरा मनाने का रीति-रिवाज और परंपरा अलग-अलग है। कई जगहों पर दशहरा पूरा दस दिन के लिए मनाया जाता है. मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्र और रामायण की कहानियां भक्तों की बड़ी भीड़ के सामने सुनाई जाती है.

Dussehra 2022

साथ ही कई जगहों पर रामलीला का आयोजन 9  दिन तक किया जाता है। महान संत तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस रामलीला प्रदर्शन का आधार बनती हैं। रामलीला मंचन के द्वारा वास्तविक लोग रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते है।

रावण दहन

इस दिन सड़कों पर बहुत भीड़ होती है। लोग गाँवों से शहरों में दशहरा मेला देखने आते है। जिसे दशहरा मेला के नाम से जाना जाता है। हजारों की संख्या में आदमी, औरत और बच्चे मैदान में अपने पास के क्षेत्रों से इस उत्सव का आनन्द उठाते है। राम, सीता और लक्ष्मण के किरदार के लिये असली कलाकार होते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के कागज के बड़े बड़े पुतले बनाये जाते है।

रावण दहन की प्रथा, जहां इन विशाल पुतलों को जलाया और जलाया जाता है, को भगवान राम की बुराई पर जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। रावण दहन के नाम पर पुतलों को जलाने का यह कार्य हमें सिखाता है कि हमें हमेशा सदाचार, सत्य और अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए। इसके अलावा, विजयादशमी के दिन, देवी दुर्गा की मिट्टी की मूर्तियों को नदियों या जल निकायों में विसर्जित कर दिया जाता है। 

यह अक्सर एक भावनात्मक दिन होता है, खासकर बंगालियों के लिए, क्योंकि यह देवी दुर्गा के प्रस्थान का प्रतीक है। इस दिन, बंगाली विवाहित महिलाएं पूजा पंडालों में इकट्ठा होती हैं और एक-दूसरे को सिंदूर या सिंदूर लगाती हैं। यह देवी दुर्गा को विदाई देने के लिए एक अनुष्ठान के रूप में किया जाता है। लोग इस दिन अपने प्रियजनों के साथ मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

बच्चों के लिए रचनात्मक कार्य 

Dussehra Assignment (रचनात्मक कार्य )

Download pdf file of रचनात्मक कार्य

वर्ष 2022 में ध्यान देने योग्य 

कोरोनावायरस महामारी अभी भी कहर बरपा रही है, इसलिए इस वर्ष का दशहरा सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सावधानी से मनाया जाना चाहिए। सुरक्षा बनाए रखने के लिए, सभी को सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करना चाहिए।

दर्शन के लिए बाहर जाने के इच्छुक भक्तों को सामाजिक दूरी के मानदंडों का सख्ती से पालन करना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रावण दहन का भी आयोजन किया जाए। यह भी सुझाव दिया गया है कि भक्त भीड़-भाड़ वाले मामलों से बचने के लिए ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से डिजिटल दर्शन का विकल्प चुन सकते है. 

Dussehra 2022 : दशहरा का महत्व

दशहरा का पर्व हर एक के जीवन में बहुत महत्व है इस दिन लोग अपने अंदर की भी  बुराइयों को ख़त्म करके नई जीवन की शुरुआत करते है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दशहरा त्यौहार जश्न के रूप में मनाया जाने वाला  त्यौहार है।

सबकी जश्न की अपनी मान्यता है किसानों के लिए फसल को घर लाने का जश्न, बच्चों के लिए राम द्वारा रावण के वध का जश्न , बड़ो द्वारा बुराई पर अच्छाई का जश्न, आदि। यह पर्व बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। लोगों का मानना है की इस दिन अगर स्वामी  के पत्तों को घर लाये जाए तो बहुत ही शुभ होता है और इस दिन शुरू किये गए कार्य में जरूर सफलता मिलती है।


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Mrs. Shakuntla

MrsShakuntla M.A.(English) B.Ed, Diploma in Fabric Painting, Hotel Management. संस्था Art of Living के सत्संग कार्यकर्मो में भजन गाती हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में 20 वर्ष के तजुर्बे व् ज्ञान से माता पिता, बच्चों की समस्यायों को हल करने में समाज को अपना योगदान दे संकू इसलिए यह वेबसाइट बनाई है।

11 thoughts on “Dussehra 2022 : दशहरा क्यों और कैसे मनाते है ? 5 October 2022

  1. असत्य पर सत्य की विजय
    बुराई पर अच्छाई की विजय
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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