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नवरात्रि 2022 : शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से होता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मां दुर्गा की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि शुरु होती है।
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा क्रमश: की जाती है।
इस नवरात्रि में ही बंगाल, बिहार, झारखंड समेत देश कई राज्यों में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है, तो कई स्थानों पर रामलीला का आयोजन होता है। दुर्गाष्टमी या महानवमी को कन्या पूजा की जाती है। महानवमी को नवरात्रि हवन का भी आयोजन होता है।
पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन अर्थात आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा को घट की स्थापना होती है. नवरात्रि के दौरान प्रतिपदा तिथि, अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन घर-घर मां का आगमन होता है. वहीं अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का पूजन कर मां की विदाई की जाती है.
नवरात्रि 2022 | Shardiya Navratri 2022
नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी तिथि कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा का विधान है। हालांकि तिथि के घटने या बढ़ने के कारण अष्टमी तिथि आगे-पीछे हो जाती है। इस बार महाष्टमी व्रत 3 अक्टूबर को रखा जाएगा।
नवरात्रि 2022 : पहला दिन 26 सितंबर 2022: मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि 2022 : दूसरा दिन 27 सितंबर 2022: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि 2022 : तीसरा दिन 28 सितंबर 2022: मां चंद्रघंटा की पूजा

नवरात्रि दिन 4 : 29 सितंबर 2022 माँ कुष्मांडा पूजा की पूजा

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नवरात्रि 2022 : पांचवां दिन 30 सितंबर 2022: मां स्कंदमाता की पूजा

नवरात्रि 2022 : छठवां दिन 01 अक्तूबर 2022: मां कात्यायनी की पूजा

नवरात्रि 2022 : सातवां दिन 02 अक्तूबर 2022 : मां कालरात्रि की पूजा

नवरात्रि 2022 : आठवां दिन : 03 अक्तूबर 2022 : मां महागौरी की पूजा (दुर्गा महा अष्टमी)

नवरात्रि दिन 9 : 04 अक्तूबर 2022 : मां सिद्धिदात्री की पूजा (महा नवमी)

नवरात्रि 2022 : 05 अक्तूबर 2022 नवरात्रि दुर्गा विसर्जन , विजयादशमी (दशहरा)
नवरात्रि 2022 : घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
नवरात्रि 2022 :शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें.
अश्विन प्रतिपदा तिथि आरंभ- 26 सितंबर 2022, 03.23 AM
- घटस्थापना सुबह का मुहूर्त – 06.17 AM – 07.55 AM (26 सितंबर 2022) (Ghatsthapana Morning Time 2022)
अवधि – 01 घण्टा 38 मिनट
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – 11:54 AM – 12:42 PM ((26 सितंबर 2022) (Ghatsthapana Day Time 2022)
अवधि – 48 मिनट
इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं.
पूजा-विधि
- सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
- धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
- मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
- लाल चुनरी
- लाल वस्त्र
- मौली
- श्रृंगार का सामान
- दीपक
- घी/ तेल
- धूप
- नारियल
- साफ चावल
- कुमकुम
- फूल
- देवी की प्रतिमा या फोटो
- पान
- सुपारी
- लौंग
- इलायची
- बताशे या मिसरी
- कपूर
- फल-मिठाई
- कलावा
Navratri 9 Guided Meditation by Gurudev Sri Sri Ravishankar
जानिए इन 9 औषधियों को जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है –
(1) प्रथम शैलपुत्री (हरड़) : कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है.यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है.
(2) ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) : ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है.इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है.
(3) चंद्रघंटा (चंदुसूर) : यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है. यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं.
(4) कूष्मांडा (पेठा) : इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है.इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं. इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है. मानसिकरोगों में यह अमृत समान है.
(5) स्कंदमाता (अलसी) : देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं. यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है.
(6) कात्यायनी (मोइया) : देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका.इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं.यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है.
(7) कालरात्रि (नागदौन) : यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं.यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है.
(8) महागौरी (तुलसी) : तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र. ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है.
(9) सिद्धिदात्री (शतावरी) : दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं. यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है.
FAQ
2022 में नवरात्रि कब शुरू हो रहे हैं?
26 सितंबर 2022
नवरात्रि में किस की पूजा की जाती है?
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा क्रमश: की जाती है
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?
घटस्थापना सुबह का मुहूर्त – 06.17 AM – 07.55 AM (26 सितंबर 2022) (Ghatsthapana Morning Time 2022)
अवधि – 01 घण्टा 38 मिनट
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – 11:54 AM – 12:42 PM ((26 सितंबर 2022) (Ghatsthapana Day Time 2022)
अवधि – 48 मिनट
नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री
पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट शारदीय नवरात्रि 2021
लाल चुनरी
लाल वस्त्र
मौली
श्रृंगार का सामान
दीपक
घी/ तेल
धूप
नारियल
साफ चावल
कुमकुम
फूल
देवी की प्रतिमा या फोटो
पान
सुपारी
लौंग
इलायची
बताशे या मिसरी
कपूर
फल-मिठाई
कलावा
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navratri is really one of the most auspious festivals of India . shubh navratri🙏🏻
Finally navratri has arrived..jai Mata di🙏
जय माता रानी🙏🙏🙏
सर्वश्रेष्ठ शुभ विचार 🙏🙏
Thank you for the information