हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। वहीं इस दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है।

इस खास दिन पर देवी सरस्वती की पूजा होती है। मां सरस्वती को विद्या की देवी माना गया है। हिंदू धर्म में इस त्योहार की अहमियत बहुत खास है।

बसंत पंचमी 2022  शुभ मुहूर्त

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि, 5 फरवरी शनिवार के दिन सुबह 3 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी. जो कि अगले दिन यानि 6 फरवरी, रविवार सुबह 3 बजकर 46 तक रहेगी.

बसंत पंचमी  पूजा विधि

प्रात:काल स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें फिर माला और सफेद वस्त्र पहनाएं।  .....

बसंत पंचमी में  पीले रंग का महत्व

पीले रंग को हिंदु धर्म में शुभ माना जाता है. पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक होता है. साथ ही यह सादगी व निर्मलता को भी दर्शाता है. ....

विज्ञान भी मानता है  पीले रंग को शुभ

वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मानें तो रंगों का हर किसी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. अगर आप किसी तनाव भरे माहौल या बहुत व्यस्त  .......

विद्या का आरंभ

इस दिन परिवार में छोटे बच्चों को पहली बार किताब और कलम पकड़ाने की भी मान्यता है। विद्या का आरंभ करने के लिए ये दिन सबसे शुभ माना गया है।

बसंत पंचमी के दिन करें छोटे बच्चों का अन्नाप्राशन संस्कार

जो लोग अपने छोटे बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार करवाना चाहते हैं, वो बसंत पंचमी के दिन कर सकते हैं।

बसंत  पंचमी से जुड़ी एक लोकप्रिय कथा

बसंत पंचमी से जुड़ी एक लोकप्रिय कथा कालिदास नामक कवि की कहानी है।

सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्यौहार,  जीवन में खुशी लाएगा अपार, सरस्वती विराजे आपके द्वार, शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार। बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।