वे संत, कवि और भगवान भक्त थे। उनका “भक्ति आन्दोलन”, जो की हिन्दू धर्म का एक “धार्मिक भक्तिपूर्ण” आन्दोलन था और जिसने बाद में नए सिख धर्म का रूप लिया था, पर बहुत गहरा प्रभाव था।
वे संत, कवि और भगवान भक्त थे। उनका “भक्ति आन्दोलन”, जो की हिन्दू धर्म का एक “धार्मिक भक्तिपूर्ण” आन्दोलन था और जिसने बाद में नए सिख धर्म का रूप लिया था, पर बहुत गहरा प्रभाव था।