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World Homeopathy Day 2022 – होम्योपैथी शब्द का अर्थ क्या है: होम्योपैथी यूनानी शब्द (homeopathy meaning) होमो से आया है जिसका अर्थ है समान और पैथोस जिसका अर्थ है दुःख या बीमारी।
हम कई बार दुविधा में रहते हैं कि हम इलाज के लिए क्या चुनें- आयुर्वेदिक, एलोपैथी या होमियोपैथी उपचार| 18 वीं शताब्दी में भारत में आया होमियोपैथी, आज पूरी तरह से भारतीय संस्कृति में आत्मसात हो गया है| जैसे-जैसे होमियोपैथी का दायरा बढ़ रहा है, लोगों में इसके प्रति विश्वास भी बढ़ रहा है| आज दुनिया के कई देशों में होमियोपैथी से इलाज हो रहा है|
होम्योपैथी चिकित्सा में असाध्य रोगों को भी जड़ से ठीक करने की क्षमता है। यही कारण है कि होम्योपैथी चिकित्सा को लोग अब ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। होम्योपैथी चिकित्सा बाजार तेजी से अपने पांव पसार रही है।
होम्योपैथी क्या होता है | What is Homoeopathy
होम्योपैथी एक चिकित्सा प्रणाली है, जो इस विश्वास पर आधारित है कि “शरीर खुद को ठीक कर सकता है”| जो लोग इसका अभ्यास करते हैं, वे पौधों और खनिजों जैसे प्राकृतिक पदार्थों की छोटी मात्रा का उपयोग करके इलाज करते हैं|
होम्योपैथी में एक व्यक्ति को आमतौर पर उसके शरीर के उपचार तंत्र को ट्रिगर करके ठीक किया जाता है| दवा का यह महत्वपूर्ण रूप इस सिद्धांत पर आधारित है कि प्राकृतिक अवयवों से बनी दवाओं का उपयोग करके इसके समान लक्षणों को प्रेरित करके किसी भी प्रकार की बीमारी को ठीक किया जा सकता है|
आज तक, दुनिया भर में कई लोग पूरी तरह से होम्योपैथी उपचार के द्वारा ठीक हो चुके हैं| होम्योपैथी दवाओं में एलोपैथिक दवाओं की तुलना में तुलनात्मक रूप से कम या कोई दुष्प्रभाव नहीं होना है| दुनिया के 100 से अधिक देशों में होम्योपैथी से इलाज हो रहा है।
विश्व होम्योपैथी दिवस कब मनाया जाता है
विश्व होम्योपैथी दिवस या विश्व होम्योपैथी जागरूकता सप्ताह हर साल 10 अप्रैल से 16 अप्रैल तक मनाया जाता है। होम्योपैथी सप्ताह के दौरान, दुनिया भर में मुफ्त सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं। 10 अप्रैल को दुनिया भर में “विश्व होम्योपैथी दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
यह दिन, होम्योपैथी के संस्थापक, जर्मन चिकित्सक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है|

10 अप्रैल, 1755 को पेरिस में जन्मे, हैनिमैन एक प्रशंसित वैज्ञानिक, महान विद्वान और भाषाविद् थे, उन्होंने होम्योपैथी के उपयोग के माध्यम से लोगों को स्वस्थ करने का तरीका खोजा| 2 जुलाई, 1843 को उनकी मृत्यु हो गई थी|
विश्व होम्योपैथी दिवस 2022 की थीम | Theme 2022

इस वर्ष विश्व होम्योपैथी दिवस 2022 का विषय है – होम्योपैथी, लोगों की पसंद, कल्याण के लिए | People’s Choice for Wellness . थीम आयुष मंत्रालय द्वारा तय की जाती है।
विश्व होम्योपैथी दिवस का महत्व

आज के समय में होम्योपैथी काफी प्रचलित है। दुनियाभर में लोग होम्योपैथी को काफी महत्व देते है। इस विशेषज्ञों का मनाना है कि इस दवा साइड इफेक्ट कम है। भारत सहित विश्व में कई देश ऐसे है जो होम्योपैथी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे है। विश्व होम्योपैथी दिवस को होमियोपैथी से जुड़े फायदे के बारे में भी लोगों को बताया जाता है।
कैसे मनाया जाता है
होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर, विभिन्न प्रकार के सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं जिसमें होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली के प्रकाशन और प्रसार और इसकी विशेषताओं को विकसित करने के बारे में चर्चा की जाती है।
होम्योपैथी दिवस के अवसर पर दुनियाभर के कई वैज्ञानिक एकजुट होते हैं और इसके डेवलपमेंट के बारे में विस्तार से बातचीत करते हैं. हर साल 10 अप्रैल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे आयोजित किया जाता है. इस खास मौके पर होमियोपैथी से जुड़ी कई बातें भी लोगों को बताई जाती है.
World Homeopathy Day का मुख्य उद्देश्य
वर्ष 2022 में सैमुअल (Founder of homeopathy) की यह 264 वीं जयंती है। डॉ। हैनिमैन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच होम्योपैथी के प्रति लोगों को जागरूक करना है. इस दिन लोग इसके इतिहास के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते हैं.
इतनी ही नहीं, इस दिन होमियोपैथी से जुड़े फायदे के बारे में भी लोगों को बताया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होम्योपैथी ना केवल एक सुरक्षित मेडिकल पद्धति है, बल्कि इस पद्धति से इलाज कराना बेहद सस्ता भी है.
दिवस का उद्देश्य होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली के विकास, पुनर्विचार और आधुनिकीकरण में मदद करने के लिए लोगों को एक साथ लाना है ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।
विश्व होम्योपैथी दिवस क्यों मनाया जाता है –
होम्योपैथी दिवस समाज को एक साथ लाने, चिकित्सा प्रणाली को मजबूत करने और आधुनिक बनाने का प्रयास करता है ताकि अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिल सके।
होम्योपैथी दवाइयों के बारे में इन बातों का रखें ध्यान

होम्योपैथी दवाइयों को खुले में न रखें। इसके प्रयोग के बाद इन्हें अच्छे से पैक कर दें।
होम्योपैथी की दवा चाहे लिक्विड फॉर्म में हो या गोलियों के रूप में, किसी ठंडी जगह पर रखें।
होम्योपैथी दवा का यह नियम है कि उन्हें कभी भी हाथ में नहीं लेना चाहिए। इसके उलट आप बोतल खोलकर दवा को सीधे मुंह में ले लें। हाथ के इस्तेमाल से दवा का प्रभाव कम हो सकता है।
इन दवाइयों को खाने के बाद 30 मिनट तक कुछ न खाएं।
होम्योपैथी दवाइयों को अन्य दवाओं से मिक्स न करें।
होम्योपैथी चिकित्सा के दौरान अन्य दवाइयों के सेवन से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें।
डॉक्टर हैनिमैन को होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का जनक माना जाता है। हैनिमैन के अनुसार होम्योपैथिक इलाज की दवा में मौजूद सक्रिय तत्वों को पारम्परिक रूप से हिलाने पर जो कंपन होता है उससे एक तरह की ऊर्जा उत्पन्न होती है, यह ऊर्जा रोग का नाश करती है।
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